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बूटिंग

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कंप्यूटर बूटिंग

अभिकलन में बूटिंग कंप्यूटर शुरू करने की एक प्रक्रिया है जिसमें किसी बटन जैसे हार्डवेयर या सॉफ्टवेयर के सहारे कंप्यूटर चालू किया जाता है। कंप्यूटर चालू होने के बाद उसकी सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (सीपीयू) की मुख्य मेमोरी में कोई सॉफ्टवेयर नहीं होता है इसलिए कुछ प्रक्रियाओं को निष्पादित करने से पहले सॉफ़्टवेयर को मेमोरी में लोड करना पड़ता है। यह कार्य सीपीयू में हार्डवेयर या फ़र्मवेयर द्वारा, या कंप्यूटर सिस्टम में एक अलग प्रोसेसर द्वारा किया जा सकता है।

बूटस्ट्रैप या बूटस्ट्रैप लोड का संक्षिप्त रूप बूट है।[1] इसकी उत्पत्ति बूटस्ट्रैप वाक्यांश से हुई है जिसका अर्थ है 'अपने बूते खुद को ऊपर खींचना'।[2]

कंप्यूटर को पुनः आरंभ करने की प्रक्रिया रीबूटिंग कहलाती है जिसमें कंप्यूटर के सॉफ़्टवेयर पर काफ़ी दबाव पड़ता है।

आरंभिक कंप्यूटर

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सन् 1940 और 1950 के दशक के शुरुआती कंप्यूटर एक तरह के इंजीनियरिंग प्रयास थे जिन्हें प्रोग्राम करने में कई सप्ताह लग सकते थे। प्रोग्राम लोड करना उन कई समस्याओं में से एक था, जिन्हें हल करना बाक़ी था। शुरुआती कंप्यूटर एनिऐक की मेमोरी में कोई प्रोग्राम संग्रहीत नहीं था लेकिन इंटरकनेक्टिंग केबल के कॉन्फ़िगरेशन द्वारा प्रत्येक समस्या के लिए वह सेट किया गया था। बूटस्ट्रैपिंग एनिऐक पर लागू नहीं होती थी, जिसका हार्डवेयर कॉन्फ़िगरेशन बिजली चालू होते ही समस्याओं को हल करने के लिए तैयार हो जाता था।

इन्हें भी देखें

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सन्दर्भ

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  1. "bootstrap" [बूटस्ट्रैप]. कंप्यूटर डिक्शनरी ऑफ़ इन्फोर्मेशन टेक्नोलॉजी (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 13 जुलाई 2024.
  2. "pull oneself up by bootstraps" [अपने बूते खुद को ऊपर खींचना]. द फ्री डिक्शनरी (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 13 जुलाई 2024.